पुरोला उतरकाशी
यमुना घाटी पुरोला से संवादाता तुषार नोटियाल
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरोला की लाचार व्यवस्थाओं को लेकर गजेन्द्र चौहान व उनकी टीम ने विगत 10 वर्षों तक पुरोला से लेकर राजधानी देहरादून तक संघर्ष व आंदोलन किए।
सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए उनकी टीम के द्वारा भूख हड़ताल का सहारा लिया गया । नमो नारायण सेवा संगठन पुरोला द्वारा सन् 2016 – 17 दो बार भूख-हड़ताल करने के बाद पुरोला में अल्ट्रासाउंड मशीन लगवाई गई। स्थानीय नेता अल्ट्रासाउंड मशीन का श्रेय लेने के लिए होड़ मच गई। परिणाम स्वरूप 6 महिने अल्ट्रासाउंड मशीन बंद रही।
नमो नारायण सेवा संगठन ने हर स्तर पर लाचार स्वास्थ सेवाओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करते रहे। जिसके प्रतिफल सरकार ने विशेषज्ञ डॉक्टर नियुक्ति की तथा मोरी, पुरोला के अस्पतालों का उच्चीकरण किया। गजेन्द्र चौहान ने कहा विकास सतत् प्रक्रिया है। हमने पुरोला विधानसभा के विकास के लिए समय-समय पर चुनाव लड़ायें है। चुनाव जितने के बाद अस्थानीय समस्याओं को भूल जाते हैं। चौहान ने कहा हमारे मेनोफैस्टो में पुरोला विधानसभा में इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज व केन्द्रीय विद्यालय प्रमुख मांग थी। गजेन्द्र चौहान ने कहा जिला पुरोला को लेकर संघर्ष जारी रहेगा। आगामी हिन्दू नववर्ष के 6अप्रैल 2025 रामनवमीं के दिन विभिन्न सामाजिक संगठनों के सहयोग से पृथक जनपद को लेकर संघर्ष का आगाज किया जाएगा।
सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए उनकी टीम के द्वारा भूख हड़ताल का सहारा लिया गया । नमो नारायण सेवा संगठन पुरोला द्वारा सन् 2016 – 17 दो बार भूख-हड़ताल करने के बाद पुरोला में अल्ट्रासाउंड मशीन लगवाई गई। स्थानीय नेता अल्ट्रासाउंड मशीन का श्रेय लेने के लिए होड़ मच गई। परिणाम स्वरूप 6 महिने अल्ट्रासाउंड मशीन बंद रही।
नमो नारायण सेवा संगठन ने हर स्तर पर लाचार स्वास्थ सेवाओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करते रहे। जिसके प्रतिफल सरकार ने विशेषज्ञ डॉक्टर नियुक्ति की तथा मोरी, पुरोला के अस्पतालों का उच्चीकरण किया। गजेन्द्र चौहान ने कहा विकास सतत् प्रक्रिया है। हमने पुरोला विधानसभा के विकास के लिए समय-समय पर चुनाव लड़ायें है। चुनाव जितने के बाद अस्थानीय समस्याओं को भूल जाते हैं। चौहान ने कहा हमारे मेनोफैस्टो में पुरोला विधानसभा में इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज व केन्द्रीय विद्यालय प्रमुख मांग थी। गजेन्द्र चौहान ने कहा जिला पुरोला को लेकर संघर्ष जारी रहेगा। आगामी हिन्दू नववर्ष के 6अप्रैल 2025 रामनवमीं के दिन विभिन्न सामाजिक संगठनों के सहयोग से पृथक जनपद को लेकर संघर्ष का आगाज किया जाएगा।
