बड़कोट । 4/6/2024
गतवर्षो की भांति इस वर्ष भी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया मां रेणुका देवी का भब्य मेला ।
आपको बताते चलें कि पट्टी ठकराल के सरनौल में पांच गांव की अधिष्ठात्री देवी मां रेणुका थान है। प्रतिवर्ष चपटाडी धारादेवरका में पांच गांव के लोग डोल दमाउ के साथ मां रेणुका की डोली के दर्शन करने के उपरान्त रेणुका देवी के माली वतार कर डागंरो के उपर नंगे पांव चलती है। और अपना आशीर्वाद भक्तों को प्रदान करती है। मां रेणुका के पुजारी पंडित कमलेश्वर सेमवाल बताया है कि मां रेणुका कि मूर्ति इस अस्थान पर प्रगट हुई थी। तब से पांच गांव के लोगों ने भगवती रेणुका देवी को अपनी ईस्ट देवी मानते हैं और तब से पांच गांव के लोग धारादेवरा में मेला मनाते हुए आ रहै है।
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बड़कोट । 4/6/2024गतवर्षो की भांति इस वर्ष भी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया मां रेणुका देवी का भब्य मेला ।आपको बताते चलें कि पट्टी ठकराल के सरनौल में पांच गांव की अधिष्ठात्री देवी मां रेणुका थान है। प्रतिवर्ष चपटाडी धारादेवरका में पांच गांव के लोग डोल दमाउ के साथ मां रेणुका की डोली के दर्शन करने के उपरान्त रेणुका देवी के माली वतार कर डागंरो के उपर नंगे पांव चलती है। और अपना आशीर्वाद भक्तों को प्रदान करती है। मां रेणुका के पुजारी पंडित कमलेश्वर सेमवाल बताया है कि मां रेणुका कि मूर्ति इस अस्थान पर प्रगट हुई थी। तब से पांच गांव के लोगों ने भगवती रेणुका देवी को अपनी ईस्ट देवी मानते हैं और तब से पांच गांव के लोग धारादेवरा में मेला मनाते हुए आ रहै है।मां रेणुका के पुजारी ब्याकरणाचार्य शक्ति सेमवाल ने बताया है कि प्रतिवर्ष 21 गते जेष्ठ 3 जून को यह मेला चपटाडी धारादेवरका में और 22 गते जेष्ठ 4 जून को सरनौल में भब्य रूप से मनाया जाता है, मेले में मां रेणुका के दर्शन हेतु दूर दराज से हजारों भक्त मेले में आते हैं। उन्होंने कहा मां रेणुका मनोवांछित फल देने वाली है। दूरदराज से भक्तजन पुत्र की कामना लेके मां के दरवार में आते हैं।और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।