आजकल पंचायत चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म है एक तरफ जहां निर्वाचन आयोग और सरकार चुनाव की तैयारी में जुटे हुए हैं तो वहीं प्रत्याशी भी पूरे जोश में नजर आ रहे हैं साथ ही जनता भी अपनी छोटी सरकार चुनने के लिए काफी उत्साहित दिख रही है। परन्तु चिंता का विषय यह है जिस प्रकार प्रत्याशीयों द्वारा श्रावण मास में शराब मांस परोसा जा रहा है यह बहुत ही चिंताजनक है। हम सभी प्रत्याशियों से अपिल करते हैं पंचायत चुनाव की प्रक्रिया के तहत नाम वापसी का समय भले ही समाप्त हो गया हो लेकिन लोगों के पास अपना प्रधान निर्विरोध चुनने का विकल्प अब भी है वे मतदान शुरू होने से पहले तक सहमति से ऐसा कर सकते हैं पंचायती राज अधिनियम में इसकी व्यवस्था दी गई है। पंचायती चुनाव में नाम वापसी की समय सीमा 11 जुलाई को खत्म हो गई है लेकिन अधिनियम की नियमावली के अनुसार प्रधान पत्र के उम्मीदवार नाम वापसी के लिए प्रार्थना पत्र निर्वाचन अधिकारी आरो को कम से कम 1 दिन पहले या मतदान अध्यक्ष (पीठासीन अधिकारी ) को मतदान शुरू होने से तुरंत पहले तक दे सकते हैं यदि नाम वापसी के इच्छुक उम्मीदवार एक से अधिक हैं तो वह संयुक्त प्रार्थना पत्र भी दे सकते हैं इसे पीठासीन अधिकारी तुरंत आप को भेज देंगे प्रार्थना पत्र प्राप्त होने के बाद निर्वाचन अधिकारी नियम 72 के उपबंधों के अनुसार कार्रवाई करते हुए संबंधित सीट पर परिणाम की घोषणा कर देंगे ।