नौगांव 23/6/2024
यमुना घाटी के पट्टी मुंगरसन्ती क्षेत्र के 65 गांवों के ईष्टदेवता श्री रुद्रेश्वर महाराज का आषाढ़ मास में होने वाला पौराणिक एवं ऐतिहासिक देवराना मेले में आस्था का जन्म सैलाब उमड़ पडा । आपको बताते चलें कि 22 जून को पट्टी मुंगरसन्ती के आराध्य श्री रूद्रेश्वर महाराज अपने बजलाड़ी थान से एक वर्ष पश्चात गर्भ-गृह से बाहर निकलकर उपस्थित सभी भक्तो को अपना दर्शन देकर आशीर्वाद देते हैं। और 23 जून को रवांई के प्रसिद्ध “डांडा देवराणा( जातर ) मेले में श्री रुद्रेश्वर महादेव अपने 65 गांवों के श्रद्धालुओं और क्षेत्र के सभी अनुयायियों को वर्ष में सिर्फ एक बार प्रकृति के करीब देवदार के घने जंगलों के बीच स्थित डांडा देवराणा मंदिर से अपने भक्तों को दर्शन देते हैं और यही इस मेले का सबसे बड़ा माहात्म्य माना जाता है। आपको बताते चलें कि डांडा देवराणा मेले में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और रुद्रेश्वर महादेव से मन्नत मांगी। मेले का वह क्षण बहुत महत्वपूर्ण होता है जब रुद्रेश्वर के माली मंदिर के ऊपर बने सिंह के ऊपर बैठकर भक्तों को दर्शन करवाते हैं इसी पल का लोग वहां इंतजार करते हैं और मन्नत मांगते हैं। रुद्रेश्वर महादेव का यह मेला लगभग 70 गांव के लोगों के आस्था का केंद्र है।और लोग यहां पर आकर अपने गुहार रुद्रेश्वर महादेव से लगाते हैं। मेले में रंवाई , जौनपुर, जौनसार के लोग हजारों की संख्या में आते हैं।यह मेला रंवाई की संस्कृति को जोड़ते हुए पारंपरिक परिवेश तांदी नृत्य होता है। हर घर में हर्षोल्लास के साथ त्योहार मनाते हुए। दुर दराज मेले में आयें हुए लोगों का अतिथि सत्कार होता है।
रुद्रेश्वर महादेव के चार थान है, बजलाडी ,तिंया , कंडाऊं, और देवलसारी इन चारों थानों में रुद्रेश्वर महादेव भारी-बड़ी से एक-एक वर्ष विराजते हैं। मेले के पश्चात
देवलसारी थान के गर्भ-गृह में पुनः पूर्व की भांति विराजमान होंगे।
रुद्रेश्वर महादेव के चार थान है, बजलाडी ,तिंया , कंडाऊं, और देवलसारी इन चारों थानों में रुद्रेश्वर महादेव भारी-बड़ी से एक-एक वर्ष विराजते हैं। मेले के पश्चात
देवलसारी थान के गर्भ-गृह में पुनः पूर्व की भांति विराजमान होंगे।