टिहरी गढ़वाल के ग्राम डाण्डा भैंसकोट श्री चद्रभालेश्वर महादेव मंदिर हिंडोल खाल चंद्रवदनी में स्वामी पर्वतगिरी महाराज के सानिध्य व क्षेत्रीय जनता के सहयोग से चल रहे श्री अष्टादश महापुराण कथा के छेटे दिवस की कथा सुनाते हुए मुख्यब्यास हिमालय के सुप्रसिद्ध कथा वाचक आचार्य शिवप्रसाद प्रसाद नोटियाल ने कहा शिवपुराण में भगवान शिव के विविध रूपों अवतारों, ज्योतिर्लिंगों भक्तों और भक्ति का विशिष्ट वर्णन किया गया है। इसमें शिव के कल्याणकारी स्वरूप का सात्विक विवेचन, रहस्य, महिमा और उपासना का विस्तृत वर्णन है। इसमें शिव का साक्षात शब्दात्मक विग्रह ही है।
आचार्य श्री ने कहा शिव पुराण की कथा श्रवण से मनुष्य लौकिक तथा पारलौकिक अभीष्ट प्राप्त कर जीवन साफल्य का भागी बनता है। आचार्य श्री ने कहा कथा श्रवण से व पालन करने से जीवन के दुखों तथा चिताओं से मुक्त हो जाता है ,और अगला जन्म आध्यात्मिक होता है। और भगवान शिव की कृपा से उसके पूर्व दुष्कर्मों के फलों का उसे पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। और भगवान उसके समस्त पापों को क्षमा कर देते हैं, सदा सदा के लिए मुक्त कर देते है ।
स्वामी पर्वतगिरी महाराज ने कहा कि श्री अष्टादश महापुराण में विभिन्न क्षेत्रों से 28 ब्यास गण हैं। व 11 आचार्य गण विश्व शान्ति के लिए इस यज्ञ में आहुतियां डाल रहे हैं। कथा में हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे।