उतरकाशी
चार धाम यात्रा पर गंगोत्री धाम पहुंचे इटली, ऑस्ट्रेलिया, और भारत के मित्र देश नेपाल से पहुंचे भक्तों ने उत्तराखंड की दिव्यता और भब्यता लेकर उक्त बातें कही है। 14 साल में तीसरी बार गंगोत्री धाम पहुंचे हैं ।यहां प्रकृति की छांव में मां गंगा के आंचल में शांति सुकून मिलती है।यहां बार-बार प्रकृति अपने और खींचती है । उन्होंने कहा गंगा की निर्मल धारा, सुंदरता और दिव्यता मां को शांति और सुकून देता है देवभूम के दर्शन को हर बार आना चाहती हूं । चार धाम व्यवस्थाओं की तारीफ की कई कठिन हालात में भी दम तक सुरक्षित सड़क एवं सुविधा जुटाना समर्पण का काम है । कुछ ऐसा ही पड़ोसी देश नेपाल और गुजरात से पहुंची महिला श्रद्धालुओं ने भी देवभूमि की खूबसूरती की तारीफ की ।
यात्रा के दौरान स्थानीय प्रशासन ने जो मदद की है ।वह काबिले तारिक और सराहनीय है। उन्होंने कहा की गंगा दर्शन कर पुणे के भागी बने हैं ।यहां से गंगा जल का प्रसाद ले जाकर अपने देश में परिजनों को बाटेंगे और यहां आने के लिए सबको बताएंगे।कि यदि शांति सुकून विश्राम चाहिए उत्तराखंड के चार धामों में है। उत्तराखंड ही सुख शांति की विश्राम स्थली है। यहां हर आदमी सुख शांति समृद्धि का आश्रय लेकर सुख पूर्वक जीवन जी सकता है। तीर्थ यात्रियों द्वारा न केवल देवभूमि की दिव्यता कल की चार धाम यात्राओं की भी खुले मन से तारीफ की। गंगोत्री धाम आए विदेशी नागरिकों ने देवभूमि उत्तराखंड के कायल दिख रहै है।
यात्रा के दौरान स्थानीय प्रशासन ने जो मदद की है ।वह काबिले तारिक और सराहनीय है। उन्होंने कहा की गंगा दर्शन कर पुणे के भागी बने हैं ।यहां से गंगा जल का प्रसाद ले जाकर अपने देश में परिजनों को बाटेंगे और यहां आने के लिए सबको बताएंगे।कि यदि शांति सुकून विश्राम चाहिए उत्तराखंड के चार धामों में है। उत्तराखंड ही सुख शांति की विश्राम स्थली है। यहां हर आदमी सुख शांति समृद्धि का आश्रय लेकर सुख पूर्वक जीवन जी सकता है। तीर्थ यात्रियों द्वारा न केवल देवभूमि की दिव्यता कल की चार धाम यात्राओं की भी खुले मन से तारीफ की। गंगोत्री धाम आए विदेशी नागरिकों ने देवभूमि उत्तराखंड के कायल दिख रहै है।