“उत्तराखंड अब तक” न्यूज के लिए देहरादून से हिंमाशु नोरियाल।
“भाजपा के ‘National Brand Ambassador एवम राजनीतिक उत्प्रेरक” बने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी:
देहरादून, उत्तराखंड:
उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सबसे ताकतवर भारतीयों की सूची में 61वें स्थान पर हैं। एक साल पहले यानी वर्ष 2023 में उत्तराखंड के मुख्य मंत्री धामी यह रैंक 93 थी। देश के टॉप 20 मुख्यमंत्रियों में भी सीएम धामी 13वें स्थान पर हैं। इसके अलावा देश के बड़े युवा नेताओं, अभिनेताओं को भी सीएम धामी ने अपनी लोकप्रियता से प्रभावित कर युवाओं के लिए नेता के रूप में स्थान बनाया है। इस प्रकार धामी की अद्वितीय मंत्रमुग्ध करने वाली सार्वजनिक अपील, उनकी वक्तृत्व कला और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के करिश्माई व्यक्तित्व के सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए, भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में चुनाव अभियानों में उपयोग कर रहा है। उत्तराखंड में जोश, उत्साह और सटीकता के साथ कठिन चुनाव प्रचार का नेतृत्व करने के बाद, धामी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में 90 से अधिक जनसभाओं को सफलतापूर्वक संबोधित किया।
सीएम धामी ने अब उन अन्य राज्यों में भी प्रचार शुरू कर दिया है जहां चुनाव होने हैं। आने वाले दिनों में सीएम पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और झारखंड में भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में जनसभाओं को संबोधित करेंगे। वे पहले ही देश के विभिन्न हिस्सों में आधा दर्जन जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं, जहां उन्हें काफी अभूतपूर्व समर्थन मिला है।
धामी ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के हुगली में भाजपा नेता लॉकेट चटर्जी की नामांकन रैली में भाग लिया था। उत्तराखंड के सीएम ने दिल्ली ईस्ट और अयोध्या में भाजपा उम्मीदवारों की नामांकन रैलियों में भी भाग लिया। वे पहले ही निजामाबाद, वारंगल और हैदराबाद में जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं। धामी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की नामांकन रैली में भी मौजूद थे। दिलचस्प बात यह है कि धामी लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही चुनावी मूड में थे। आदर्श आचार संहिता (MCC) लागू होने और चुनाव की घोषणा से पहले उत्तराखंड के सीएम ने राज्य के सभी 13 जिलों में नारी ‘शक्ति वंदन’ कार्यक्रमों और ‘लाभार्थी सम्मेलनों’ को संबोधित किया था।
मेरी राय में धामी की ‘electoral demand’ के पीछे सबसे महत्वपूर्ण कारण उनके नेतृत्व में अवैध मदरसों को ध्वस्त करने के लिए एक विशेष अभियान चलाना, सख्त नकल विरोधी अधिनियम और राज्य में धार्मिक धर्मांतरण की जांच के लिए एक कानून लाना था। समान नागरिक संहिता (UCC) और दंगा विरोधी कानून को लागू करने के फैसले के साथ इन कदमों ने भाजपा और राष्ट्रीय राजनीति में उनका कद बहुत बढ़ा दिया है।
मुझे यह भी लगता है कि मुख्यमंत्री धामी ने जिस प्रकार से उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग बचाव कार्य में देश-दुनिया के सामने मिसाल पेश की, हल्द्वानी के बनभूलपुरा में भड़की हिंसा पर 24 घंटे के भीतर नियंत्रण और बड़ी कार्रवाई की, उससे उनकी छवि पूरे विश्व में मजबूत हुई है। यही नहीं, उसी भूमि पर पुलिस चौकी भी बना दी गई।
इसके अलावा देश का सबसे बड़ा “नकल विरोधी कानून” भी लाया गया जिसमें आपदाओं से निपटने के साथ ही राज्य के विकास को गति देने में मुख्यमंत्री धामी नए आयाम स्थापित किए। यही कारण है कि बेदाग छवि, धाकड़ निर्णय और बेहतर काम से मुख्यमंत्री सीराष्ट्रीय राजनीति’ पर छा गए हैं। इतनी कम उम्र और समय में यह रैंक आपके लिए एक रिकॉर्ड है।
मेरी समझ में उपर्युक्त कारणों के अलावा, उनकी बात करने का तरीका, उनके तौर-तरीके, उनकी नैतिक आचार संहिता, मृदुभाषिता, शालीनता, जमीनी स्तर पर उनकी उपलब्धियां और सबसे बढ़कर उनका चुंबकीय और करिश्माई व्यक्तित्व उनकी सफल राजनीतिक यात्रा के सबसे महत्वपूर्ण कारण हैं। जैसा कि एक कवि ने धामी जैसे व्यक्तित्व वालों को बहुत सटीक रूप से परिभाषित किया है:
“मंजिल की राह पर, क्यों फ़िर रहा है राही?,
इतना अज़ीम बन, के मंज़िल खुद तुझे पुकारे”
अंत में मैं यह कहना चाहता हूँ कि व्यक्तिगत तौर से मैं उनकी योग्यता और उपलब्धियों के आधार पर (चापलूसी रहित)भविष्य में धामीजी को एक योग्य “भारत का प्रधानमंत्री” के रूप में देखना चाहता हूँ।