गणेश जन्म भूमि डोडीताल कैलाशू उत्तरकाशी में भगवान गणेश व मां भगवती मणिद्वीप वासिनी अन्नपूर्णा का दिव्य धाम भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिये गये है। यहां के कपाट बैशाख कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को भक्तो के लिए खोल दिया जाते हैं । श्री गणेश जन्मभूमि समिति डोडीताल के उपाध्यक्ष व पूजारी आचार्य सन्तोष खण्डूरी ने कहा है कि उत्तराखंड में चार धाम है ।
पर सबसे पहले भगवान गणेश जन्म भूमि डोडीताल के कपाट को खोलने प्रथा है । यहां की मान्यता है कि सिद्धी बुद्धि, शुभ लाभ , ये सब चारधामों में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सिद्ध हो । इसलिए सर्व प्रथम भगवान गणेश के कपाट खोल दिये जाते हैं । स्कंद पुराण के अनुसार यहां पर बहुत बड़ा सरोवर है। इस सरोवर में मां अन्नपूर्णा स्नान करती थी। और यही पर मां भगवती पार्वती ने अपने उप्टन से गणेश को प्रगट किया था। गणेश जी भगवान शंकर का युद्ध भी इसी स्थान पर हुआ ।आज भी स्फटिक शिला के रुप में गणेश जी का धड़ के दर्शन होते हैं। पूरे विश्व में ऐसा धाम नहीं है । जहां मां भगवती पार्वती और गणेश जी मंदिर में बिराजे है ।और भगवान शंकर आज भी बाहर है। जबकि भगवान शंकर सदैव अपने परिवार के साथ रहते हैं मकर संक्रांति को यहां यक्ष, किन्नर ,आदि देवता स्नान करने आते हैं । और यहां पर स्थानीय लोगों ने डोल शंख रणसिंगा आदि बाध्य यंत्र बजते सुने हैं। कार्तिक अमावस्या को यहां पर स्थानीय लोगों ने मणी धर सांप के दर्शन किए है ।यहां पर जो व्यक्ति जिस कामना से जाता है ।भगवान गणेश उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं ।