- श्री कपिल मुनि महाराज ,श्री खण्डासुरी महाराज ,श्री कालिया नाग व शिकारू नाग महाराज के दिव्य देव डोलियों के सानिध्य में रामा सिंराई के ग्राम गुन्दियांट गांव में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हुआ, इस अवसर पर उत्तराखण्ड हिमालय के सुप्रसिद्ध कथा वाचक आचार्य श्री शिवप्रसाद नौटियाल जी ने प्रथम दिवस की कथा में कहा कि भक्ति, ज्ञान वैराग्य से ही मनुष्य के धर्म अर्थ काम और मोक्ष के दरवाजे खुलते हैं। और सुख शान्ति समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है, कथा वाचक आचार्य श्री शिवप्रसाद नौटियाल ने भागवत महात्म्य की कथा सुनाते हुए कहा कि। यत्फलम नास्ति तपसा ना योगेन समाधिना।तत्फलं लभते सम्यक् कलौ केशव कीर्तनात् ।। जो फल अन्य युगों में योग समाधि से भी दुर्लभ था ।वह इस कलयुग में केवल भगवान नाम कीर्तन से ही प्राप्त हो जाते हैं ।इसी एक गुण के कारण तप, तीर्थ ,ध्यान, कथा आदि में सभी को खींच लेते हैं, और भक्ति ज्ञान वैराग्य से ही मनुष्य को मोक्ष प्रदान होता है। कथा के यजमान चद्रमणी नौटियाल व पूरणभक्त नौटियाल ने कहा कि 23 अप्रैल से 29 अप्रैल 2024 तक श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ अपने पितृमोक्ष के लिए करवा रहे हैं, उन्होंने कहा है कि सभी को इस ज्ञान गंगा में डुबकी लगाकर पूण्य लाभ अर्जित करना चाहिए। इस अवसर पर समस्त नौटियाल बन्धु ग्राम वासी उपस्थित थे।
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