चैत्र नवरात्रि 2024:
(अप्रैल 10, 2022 की रात्रि 01 बजकर 23 मिनट से प्रारम्भ होगी और समाप्त होगी- अप्रैल 11, 2022 को)
चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन 10 अप्रैल को है। इस दिन माता ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। माता का स्वरूप बहुत ही निराला है। यहां पूजा मंत्र, भोग आदि की जानकारी के लिए देखें। चैत्र नवरात्रि हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है। इन दिनों में भक्तजन देवी दुर्गा की पूजा के लिए नौ दिनों तक उपवास रखते हैं। ये दिन देवी दुर्गा के नौ विभिन्न रूपों की पूजा के लिए समर्पित हैं। यह हिंदू चंद्र माह चैत्र में मनाया जाता है, जो आमतौर पर मार्च या अप्रैल में होता है। त्योहार के नौवें दिन, चैत्र नवरात्रि का समापन राम नवमी के साथ होता है, जो भगवान राम का जन्मदिन है।
इस वर्ष, हिंदू अनुयायी अनिश्चित हैं कि चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू होगी या अप्रैल 10. द्रिक पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू होकर 17 अप्रैल तक नौ दिनों तक चलेगी और राम नवमी उत्सव के साथ समाप्त होगी। इन नौ दिनों के दौरान, हिंदू अनुयायी माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं, जिनमें माँ शैलपुत्री, माँ ब्रह्मचारिणी, माँ चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, स्कंद माता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री।
चैत्र नवरात्रि में पूरे नौ दिन मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की उपासना का विधान है. नवमी के दिन सिद्धिदात्री मां का पूजन किया जाता है. वैसे तो अष्टमी के दिन भी कन्या पूजन किया जाता है लेकिन नवमी के दिन कन्या पूजन करना विशेष फलदायी माना जाता है. कन्या पूजन के बाद ही भक्तों के नवरात्रि संपन्न माने जाते हैं।
नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. माता सिद्धिदात्री को मां दुर्गा का नौवा स्वरूप माना जाता है. नवरात्रि के नौवें दिन कन्या पूजन भी किया जाता है. यह दिन नवरात्रि का अंतिम दिन होता है. बहुत से लोग नवरात्रि की नवमी तिथि को कन्या पूजन करते हैं. इस दिन लोग हवन करके कन्या पूजन करते हैं और रात में नवरात्रि का पारण किया जाता है. इसके बाद दशमी के दिन मूर्ति विसर्जन किया जाता है.
इस साल नवमी रविवार के दिन पड़ रही है. चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि 10 अप्रैल 2022 को है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें.- मां की फोटो या मूर्ति को गंगाजल से साफ कर लें.- मां को सफेद रंग के कपड़ें अर्पित करें. – इसके बाद सफेद रंग के फूल मां को चढ़ाएं. – फिर मां को फल, मिठाई और पंच मेवा अर्पित करें.- इसके बाद मां के आगे घी का दीपक जलाएं.- फिर पूजा और आरती करें और मां सिद्धिदात्री का ध्यान करें।
प्रथम दिन – शैलपुत्री: प्रथम दिन माँ शैलपुत्री की पूजा की जाती है। यह माँ दुर्गा का प्रथम रूप है, जो पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं। वह एक कमल की योनि में विराजमान हैं और एक त्रिशूल और कुंडली धारण करती हैं।
2. द्वितीय दिन – ब्रह्मचारिणी: इस दिन माँ ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। वह दो मुख वाली और कदम-कदम पर जाती हैं।
3. तृतीय दिन – चंद्रघंटा: तृतीय दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाती है, जो चांद के रूप में प्रतिष्ठित हैं। वे एक कमल की सवार होती हैं और एक चंद्रमा की प्रतिमा के साथ अपने मुख में एक त्रिशूल धारण करती हैं।
4. चतुर्थी दिन -कूष्मांडा: इस दिन माँ कूष्मांडा की पूजा की जाती है, जो सूर्य के रूप में प्रतिष्ठित हैं।
5. पंचमी दिन – स्कंदमाता: पंचमी दिन माँ स्कंदमाता की पूजा की जाती है, जो कार्तिक मास के पांचवें दिन पैदा हुए थे।
6.षष्ठी दिन – कात्यायनी: इस दिन माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है, जो कात्यायन ऋषि की पुत्री हैं।
7. सप्तमी दिन – कालरात्रि: सप्तमी दिन माँ कालरात्रि की पूजा की जाती है, जो माँ दुर्गा का सबसे भयानक रूप मानी जाती है।
8. अष्टमी दिन – महागौरी: अष्टमी दिन माँ महागौरी की पूजा की जाती है, जो दुखों और दुर्गुणों का नाश करती हैं।
9. नवमी दिन – सिद्धिदात्री: नवमी दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है, जो सिद्धियों की दात्री मानी जाती हैं।
चैत्र नवरात्र 2024 के दौरान, लोगों को मां दुर्गा के प्रति अपनी श्रद्धा और समर्पण को मजबूत करने का अवसर मिलता है। इस उत्सव के दौरान, धार्मिक सामग्री की खरीदारी, पंडालों की सजावट, और भजन-कीर्तन की ध्वनि सड़कों में सुनाई देती है। इसके अलावा, लोग एक दूसरे के साथ खुशियों का आनंद लेते हैं और परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर पर्व का महत्व मनाते हैं।
चैत्र नवरात्र 2024 के पर्व के दौरान, लोग विशेष रूप से ध्यान, प्रार्थना, और सेवा में जुटे रहते हैं। इस पर्व के दौरान, धार्मिक संगठनों और मंदिरों में भी विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है। यहां तक कि कई स्थानों पर नृत्य और संगीत कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है ताकि लोग उत्सव का आनंद ले सकें।
चैत्र नवरात्र 2024 के पर्व के दौरान, लोग नौकरी, व्यापार, और व्यक्तिगत जीवन में सफलता और सुख की प्राप्ति के लिए मां दुर्गा की कृपा की कामना करते हैं। वे नौवीं दिन को समर्पित करते हैं और सिद्धिदात्री मां की पूजा करते हैं, जो भगवान शिव और पार्वती की रूप में जानी जाती हैं। इस दिन को राम नवमी भी कहा जाता है, जो प्रभु राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
मेरी समझ में चैत्र नवरात्र 2024 का उत्सव धार्मिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और यह हिंदू समाज में एक गहना रूप में शामिल है। इस पर्व के दौरान, लोग अपने आप को पुनर्जीवित करते हैं, अपने आप को धार्मिकता में समर्पित करते हैं, और मां दुर्गा की कृपा की कामना करते हैं।
जय मां दुर्गे
जय सनातन धर्म। देहरादून से ब्यूरो हिमांशु नोरियाल