धर्मजागरण विभाग व बंजरग दल पुरोला द्वारा मुख्य बाजार पुरोला में हनुमान जयंती के अवसर सामुहिक हनुमान चालीसा का पाठ कर प्रसाद वितरण किया। इस अवसर पर आचार्य लोकेश बडोनी ने कहा धैर्यवान, वीर केसरी नंदन का जन्म लोक मान्यता अनुसार त्रेतायुग के अंतिम चरण में चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र व मेष लग्न के योग में प्रातः ०६.०३ बजे भारत देश में आज के झारखण्ड राज्य के गुमला जिले के आंजन नाम के छोटे से पहाड़ी गाँव के एक गुफ़ा में हुआ था। आचार्य मधुर ने कहा
बजरंग बली” के उज्ज्वल चरित्र और कृतित्व से सम्पूर्ण भारतवर्ष न जाने कितने सदियों से प्रेरणा लेता आया है।
हनुमान प्रतीक हैं उस स्वाभिमान के जिन्होंने ‘बाली’ जैसे महा पराक्रमी परन्तु अधम शासक के साथ रहने की बजाए ‘बाली’ के अनाचार से संतप्त ‘सुग्रीव’ के साथ रहना स्वीकार किया था ताकि दुनिया के सामने यह आदर्श स्थापित हो कि सत्य और न्याय के साथ खड़ा होना ही धर्म है। धर्म जागरण के जिला संयोजक सोनू कपूर ने कहा हनुमान प्रतीक हैं उस “स्वामी-भक्ति” और “राज-भक्ति” के जिन्हें उस समय के सबसे शक्तिशाली साम्राज्य के प्रतिनिधि प्रभु श्रीराम का सानिध्य प्राप्त था परंतु उन्होंने अपने स्वामी सुग्रीव का साथ नहीं छोड़ा और उनके प्रति उनकी राजभक्ति असंदिग्ध रही। बंजरग दल के संयोजक अमित नौडियाल ने कहा हनुमान जी प्रतीक हैं उस सेतु के जो उत्तर और दक्षिण भारत को जोड़ती है।
हनुमान प्रतीक हैं उस “अनुशासन और प्रोटोकॉल” के जिसका अनुपालन उन्होंने अपने जीवन में हर क्षण किया जबकि ‘हनुमान’ विरोधियों को अनुशासनहीन समाज पसंद है। इस अवसर पर श्री राम धर्म के जयकारों से पूरा बाजार गुंजायमान हो उठा।
इस अवसर पर विक्रम रावत, रमेश थपलियाल, प्रदीप रावत एडवोकेट राजेश राणा, हरीश शर्मा, गोपाल रावत,पत्रकार सचिन नौटियाल। पत्रकार दीपेंद्र कलुडा, पत्रकार गजेन्द्र चौहान,दीपक नौडियाल आदि उपस्थित थे।