जागर एक प्रकार का देव भूमि उत्तराखंड में गाया जाने वाला बहुत ही महत्व पूण लोक गीत है या कहे की पूजा जिसकी सहायता से हम अपने देवी -देवताओ को याद कर सके या उनका आव्हान कर उनसे न्याय प्राप्त कर सके
जागर यानी जागना या जगाना या यूं कहे कि देवी- देवताओ का आव्हान कर उन्हें अपने पास बुलाने के लिए निवेदन करना पड़ता है और लोगो का कहना यह भी है कि ये एक खास प्रकार की तपस्या है। जिसे हम तपोबल व भजन गीतों के द्वारा देवी-देवताओं को प्रगट करते हैं। ऐसे ही हमारे बिच से उबरते कलाकार पंण्डित विनोद विजल्वाण ने रामा सिंराई के इष्ट देवता श्री कपिलमुनि महाराज व श्री शेमनागराज महाराज पे क्षेत्रीय भाषा में स्वरचित जागर के माध्यम में देवी देवताओं की गाथाओं को जन जन तक पहुंचा रहे हैं।