नोंगांव उतरकाशी
नौगांव ब्लाक के कोटियाल गांव में चल रही है श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस की कथा सुनाते हुए कथा वाचक राष्ट्रीय संत आचार्य डॉ. दुर्गेश ने कहा
श्रीमद्भागवत में भगवान के भक्तों के जीवन के अनुभव, अनुभूतियां एवं विचार, जीवन दर्शन है।
आचार्य श्री ने कहा है कि संसार की समस्याओं ,जन्म, जरा ,व्याधि तथा मृत्यु की निवृत्ति धन संचय तथा आर्थिक विकास से संभव नहीं है। विश्व के विभिन्न भागों में ऐसे राज्य हैं जो जीवन की सारी सुविधाओं तथा संपति एवं आर्थिक विकास से पूरित है, किंतु फिर भी उनके सांसारिक जीवन की समस्याएं ज्यों की त्यों बनी हुई है।वे विभिन्न साधनों से शांति खोजते हैं ।किंतु वास्तविक सुख उन्हें तभी मिल पाता है जब वह भागवत की शरण में आते हैं, भगवान की कथा श्रवण व चिंतन मनन स्मरण करते हैं ।
भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव कि पावन कथा सुनाते हुए कहा है कि जब नंद बाबा को मालूम हुआ कि उनके यहां पुत्र हुआ है तो उसके आनंद का ठिकाना नहीं रहा । ब्राह्मणों एवं ग्वालवालों को बुलाकर बड़ी खुशी के साथ प्रभु का जन्मोत्सव मनाया गया ब्रज में रिद्धि सिद्धि ने डेरा पहले ही डाल रखा था ।गोपियों ने सच-संवरकर खूब गीत गाये, वे मगन होकर नाची। ब्रिज को खुशी से सराबोर कर रही है ।आनंद रस की वर्षा हो रही है ब्रज की धरा पर। आचार्य श्री ने कहा जन्मोत्सव कथा में बड़ा सुंदर रहस्य है एक दिव्य जीवन संदेश है दुनियादारी के कामों में उत्सवों में व्यस्त रहकर यदि परमात्मा को भूल जाओगे तो जीवन की गाड़ी पलट जाएगी। यदि चाहते हो कि जीवन की गाड़ी ठीक रहे। व्यवस्थित रहे तो परमात्मा के साथ रहकर संसार के कार्य करो और परमात्मा के साथ उत्सव बनाओ भगवान को अलग करके नहीं।प्रभु को केंद्र में रखो उन्हीं का ध्यान करते हुए कर्म करो। कथाओं को केवल पढ़ो सुनो नहीं उन पर चिंतन मनन करो और उन्हें आचरण में उतारों।यही भागवत का एक दिव्य संदेश हैं। कथा में आचार्य गण मंडपाचार्य पंण्डित हरिशरण उनियाल , आचार्य मुकेश डिमरी, आचार्य विनित डोभाल, आचार्य मनमोहन बडोनी, आचार्य प्रवेश उनियाल, आचार्य अजय गैरोला कथा के आयोजक बृजमोहन विजलवाण, रोहित विजलवाण ने सभी गांव वासियों व क्षेत्र वासियों का आभार व्यक्त किया कथा में समस्त ग्रामवासी व क्षेत्रवासी उपस्थित थे।