ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अवि मुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने लिखा गढ़वाली में पत्र
रंत रेबार कार्यक्रम की प्रशंसा
देहरादून
गढ़वाली बोली भाषा के प्रचार प्रसार की दिशा में अमर उजाला डॉट कॉम के किए प्रयास की ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने प्रशंसा की है । इस संदर्भ में उन्होंने गढ़वाली भाषा में एक प्रशंसा पत्र मंगल कामना के साथ लिखा है।
गौरतलब है कि अमर उजाला डॉट कॉम की ओर से रंत रेबार कार्यक्रम प्रसारित किया जा रहा है। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस कार्यक्रम को देखने के बाद मंगल कामना पत्र प्रेषित किया है । जिसमें उन्होंने गढ़वाली भाषा में मंगल कामना अपने पत्र में की है।
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ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अवि मुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने लिखा गढ़वाली में पत्ररंत रेबार कार्यक्रम की प्रशंसादेहरादूनगढ़वाली बोली भाषा के प्रचार प्रसार की दिशा में अमर उजाला डॉट कॉम के किए प्रयास की ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने प्रशंसा की है । इस संदर्भ में उन्होंने गढ़वाली भाषा में एक प्रशंसा पत्र मंगल कामना के साथ लिखा है।गौरतलब है कि अमर उजाला डॉट कॉम की ओर से रंत रेबार कार्यक्रम प्रसारित किया जा रहा है। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस कार्यक्रम को देखने के बाद मंगल कामना पत्र प्रेषित किया है । जिसमें उन्होंने गढ़वाली भाषा में मंगल कामना अपने पत्र में की है।उन्होंने कहा कि यह सराहनी प्रयास है। इससे गढ़वाली बोली भाषा के प्रचार प्रसार में मदद मिलेगी।शंकराचार्य ने कहा कि वह इस कार्यक्रम के माध्यम से गढ़वाली बोली सीखने का प्रयास करेंगे और उसके प्रचार प्रसार में खुद भी पहल करेंगे।