*युग पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी*
*१६ अगस्त/ पुण्य-तिथि)*
==================
पुरोला उतरकाशी।
Contents
*युग पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी*
*१६ अगस्त/ पुण्य-तिथि)*
==================
पुरोला उतरकाशी।भारत माँ के सच्चे सपूत, राष्ट्र पुरुष, राष्ट्र मार्गदर्शक, सच्चे देशभक्त, ना जाने कितनी ही उपाधियों से पुकारे जाने वाले भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी सही अर्थों में *भारत रत्न* थे. इन सबसे भी बढ़कर अटल बिहारी वाजपेयी जी एक अच्छे इंसान थे।उन्होंने ज़मीन से जुड़े रहकर राजनीति की और जनता के प्रधानमंत्री* के रूप में लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई. अटल जी एक ऐसे इंसान थे जो बच्चे, युवाओं, महिलाओं, बुज़ुर्गों सभी के बीच में लोकप्रिय थे. देश का हर युवा, बच्चा उन्हें अपना आदर्श मानता था।भारत रत्न श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी देशभक्ति व भारतीय संस्कृति की प्रखर आवाज थे. भारत की राजनीति में मूल्यों और आदर्शों को स्थापित करने वाले राजनेता और प्रधानमंत्री के रूप में उनका काम बहुत अच्छा रहा. उनके कार्यों के कारण ही उन्हें भारत के ढांचागत विकास का दूरदृष्टा कहा जाता है।बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी अटल जी का सार्वजनिक जीवन बे-दाग और साफ़-सुथरा था. उनके विरोधी भी उनके प्रशंसक थे. उनके लिए राष्ट्रहित सदा सर्वोपरि रहा, तभी उन्हें राष्ट्र-पुरुष कहा जाता था. अपनी कविताओं के माध्यम से अटल जी हमेशा सामाजिक बुराइयों पर प्रहार करते थे।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक से लेकर प्रधानमंत्री तक सफर तय करने वाले युग पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म २५ दिसम्बर १९२४ को ग्वालियर में हुआ था. आपके पिता जी का नाम पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी और माता का नाम कृष्णा वाजपेयी था।अटल जी की बीए की शिक्षा ग्वालियर के विक्टोरिया काॅलेज में हुई. उसके पश्चात् कानपुर के डीएवी महाविद्यालय से कला में स्नातकोत्तर उपाधि भी प्रथम श्रेणी में प्राप्त की।अटल जी ने अपने जीवन में पत्रकार के रूप में भी काम किया और लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया. वे भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य थे और उन्होंने लम्बे समय तक डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे प्रखर राष्ट्रवादी नेताओं के साथ काम किया।अटल जी १९७७ से १९७९ तक विदेश मंत्री रहे. विदेश मंत्री रहते हुए पूरे विश्व में भारत की छवि बनाईं और विदेश मंत्री के रूप में संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी में भाषण देने वाले देश के पहले वक्ता बने. १९९८ में अटल बिहारी वाजपेयी दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने और इस बीच अटल बिहारी वाजपेयी ने दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए पोखरण में पाँच भूमिगत परमाणु परीक्षण विस्फोट कर सम्पूर्ण विश्व को भारत की शक्ति का एहसास कराया. अमेरिका और यूरोपीय संघ समेत कई देशों ने भारत पर कईं तरह के प्रतिबंध लगा दिए लेकिन उसके पश्चात् भी भारत वर्ष अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में हर प्रकार की चुनौतियों से सफलता पूर्वक निबटने में सफल रहा।कारगिल युद्ध में विजयश्री के पश्चात् हुए १९९९ के लोकसभा चुनाव में भाजपा फिर अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी. १३ दलों से गठबंधन करके राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के रूप में सरकार बनाकर पाँच साल का कार्यकाल पूर्ण किया. इन पाँच वर्षों में अटल जी ने देश के अन्दर प्रगति के अनेक आयाम छुए और सरकार ने गरीबों, किसानों और युवाओं के लिए अनेक योजनाएँ लागू की।वह एक राष्ट्र समर्पित राजनेता होने के साथ-साथ कुशल संगठक भी थे जिन्होंने भाजपा की नींव रख उसके विस्तार में एक अहम भूमिका निभाई और करोड़ों कार्यकर्ताओं को देश सेवा के लिए प्रेरित किया।श्रद्धेय अटल जी के प्रधानमंत्री कार्यकाल में देश ने पहली बार सुशासन की कल्पना को चरितार्थ होते देखा. जहां एक ओर उन्होंने सर्व शिक्षा अभियान, पीएम ग्राम सड़क योजना, राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना जैसे विकासशील कार्य किए तो वहीं दूसरी ओर पोखरण परीक्षण और करगिल विजय से विश्वपटल पर एक मज़बूत भारत की नींव रखी।आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार अटल जी के विचारों को केंद्र में रखकर सुशासन व गरीब कल्याण के मार्ग पर अग्रसर है और भारत को विश्व में एक महाशक्ति बनाने के लिए कटिबद्ध है।माँ भारती के ऐसे महान सपूत श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि वन्दन्।