आज २१ जून को भारत के आवाहन पर विश्व समुदाय योग दिवस बड़े हर्षोल्लास के रूप में मना रहा है।इस ऐतिहासिक अवसर पर समस्त जनपद,प्रदेश, व देश वासियों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।
योग हमारी प्राचीन विरासत का बहुमूल्य उपहार है। जो मनुष्य की मानसिक व शारीरिक शक्ति में वृद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ाने में सहायक करता है। योग भारत की प्राचीनतम समृद्धि परंपरा की एक पहचान है, हमारे गौरवशाली सनातन संस्कृति का मूल आधार वसुदेव कुटुंमबकम है। योग वर्तमान का आविष्कार नहीं है। अपितु सनातन काल से हमारी विरासत है, जो शाश्वत है, भारत के धरती पर उपजा ,पनपा जीवन रस है। योग हमारी प्रकृति है।साधकों की कृति है। देश की संस्कृति है योग में सेवा निहित है। योग विश्व को भारत की अमूल्य देन है , योग जीवन दर्शन है, युगों युगों के चिंतन का परिणाम है ।ऋषि परंपरा का अनुसंधान है। स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ देश के लिए पश्चिम की धरती पर वह योग से योगा हो गया है। आज दुनिया में हमारी विशिष्ट पहचान बनी है ,योग व शांन्ति समृद्धि के लिए पूरी दुनियां भारत की ओर देख रही है । भारत ने योग के माध्यम से देश व दुनिया को स्वस्थता का संदेश दिया है। भारत ने मानवता के कल्याण व विश्व की सुख शांति समृद्धि के लिए। सदीयों से ।।सर्वे सन्तु निरामय।। व ।। शरीर माध्यम खलु धर्मसाधनम् ।।संदेश देते आ रहे हैं। सभी से आग्रह है कि स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ देश के लिए योग को नित्य प्रति का हिस्सा बनायें। पुनः इस पावन ऐतिहासिक योग दिवस के अवसर पर बहुत बहुत शुभकामनाएं।