चकराता देहरादून
चकराता के माकटी पोखरी के सरस्वती विद्या मंदिर में समस्त क्षेत्रवासी व प्रवासियों के द्वारा ग्रामोत्सव धूमधाम से मनाया गया कार्यक्रम में मुख्यतिथि उत्तरांचल उत्थान परिषद के महामंत्री व पलायन आयोग के सदस्य रामप्रकाश पैन्यूली व संगठन मंत्री शम्भू प्रसाद पुरोहित ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में गांव के ३ वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित ग्रामोत्सव आयोजन समिति के द्वारा सम्मानित किया गया है। इसी क्रम में वरिष्ठ वयोवृद्ध मातृशक्ति को भी सम्मानित किया गया है। इस वर्ष सेवानिवृत हुए गांव के ३ अधिकारियों व कर्मचारियों को सम्मानित किया गया है। इस वर्ष गांव के 8 नवयुवको को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने इस वर्ष सरकारी सेवाओं में प्रवेश किया। परिषद के महामंत्री रामप्रकाश पैन्यूली ने कहा उत्तराखण्ड के गांव पलायन का दंश झेल रहे हैं। यह किसी से छुपा नहीं है, गांव से पलायन ऐसा विषय है जिसका अभी तक समाधान नहीं हो पाया है, इस दिशा में उत्तरांचल उत्थान परिषद की ग्रामोत्सव की पहल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है आस्था वह विकास को केंद्र में रखकर 36 साल पहले शुरू की गई यह मुहिम अब रंग जमाने लगी है। परिषद के स्वयं के प्रयासों से लगभग उत्तराखंड के 150 गांव में मेरा गांव मेरा तीर्थ व ग्रामोत्सव का आयोजन हो रहा है जिसमें बड़ी संख्या में प्रवासी भागीदारी करते हुए आ रहे हैं।
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चकराता देहरादूनचकराता के माकटी पोखरी के सरस्वती विद्या मंदिर में समस्त क्षेत्रवासी व प्रवासियों के द्वारा ग्रामोत्सव धूमधाम से मनाया गया कार्यक्रम में मुख्यतिथि उत्तरांचल उत्थान परिषद के महामंत्री व पलायन आयोग के सदस्य रामप्रकाश पैन्यूली व संगठन मंत्री शम्भू प्रसाद पुरोहित ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में गांव के ३ वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित ग्रामोत्सव आयोजन समिति के द्वारा सम्मानित किया गया है। इसी क्रम में वरिष्ठ वयोवृद्ध मातृशक्ति को भी सम्मानित किया गया है। इस वर्ष सेवानिवृत हुए गांव के ३ अधिकारियों व कर्मचारियों को सम्मानित किया गया है। इस वर्ष गांव के 8 नवयुवको को भी सम्मानित किया गया जिन्होंने इस वर्ष सरकारी सेवाओं में प्रवेश किया। परिषद के महामंत्री रामप्रकाश पैन्यूली ने कहा उत्तराखण्ड के गांव पलायन का दंश झेल रहे हैं। यह किसी से छुपा नहीं है, गांव से पलायन ऐसा विषय है जिसका अभी तक समाधान नहीं हो पाया है, इस दिशा में उत्तरांचल उत्थान परिषद की ग्रामोत्सव की पहल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है आस्था वह विकास को केंद्र में रखकर 36 साल पहले शुरू की गई यह मुहिम अब रंग जमाने लगी है। परिषद के स्वयं के प्रयासों से लगभग उत्तराखंड के 150 गांव में मेरा गांव मेरा तीर्थ व ग्रामोत्सव का आयोजन हो रहा है जिसमें बड़ी संख्या में प्रवासी भागीदारी करते हुए आ रहे हैं।परिषद देश के कई राज्यों में उत्तराखंडी प्रवासी पंचायतो का आयोजन कर रही है , जिसके अनुवर्ती कार्यक्रमो के रूप में ग्रामोत्सव आयोजित किये जा रहे हैं। जिसके परिणाम स्वरूप प्रवासियों को अपने मूल गांव में लौटने और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए उत्तराखंड प्रवासी कार्यक्रम आयोजित करते हुए आ रहे हैं । यद्यपि पिछले 8 वर्षों से सरकार ने पलायन की रोकथाम के लिए कई प्रयास किए हैं तमाम योजनाएं संचालित की है लेकिन पलायन का क्रम थम नहीं है इसमें इतना अवश्य हुआ है कि गांव की चौखट से निकले कदम अब राज्य के शहरों में ही थमने लगे हैं। वहीं उत्तराखंड उत्थान परिषद के महामंत्री पैन्यूली ने कहा परिषद की पहल पर वर्ष 1988 में पहली बार टिहरी जिले के भिगुन गांव में ग्रामोत्सव हुआ तब गांव के पुराने मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया गया और इस बहाने प्रवासियों को ग्राम उत्सव में आमंत्रित किया गया तब से परिषद ने जून में प्रतिवर्ष ग्राम उत्सव मनाते हुए आ रहे हैं। जिसमें प्रवासी न केवल भागीदारी करते हैं बल्कि गांव के विकास में भी योगदान दे रहे हैं। परिषद के महामंत्री पैन्यूली ने कहा ग्राम उत्सव में प्रवासियों के भाग लेने के बाद बंद घरों के ताले खुलते हैं। कई प्रवासियों ने अपने घरों का जीर्णोद्धार कराया है और बराबर गांव के संपर्क में है उन्होंने कहा है कि परिषद ने 150 गांव में ग्रामोत्सव आयोजित करते हुए आ रहे हैं,और अपने मूल गांव में जर्जर अवस्था में पड़े मकान खेत खलियानो जल संरक्षण मंदिर की सज्जा आदि विषयों पर चर्चा और स्वच्छता अभियान चल रहे हैं। और रिवर्स पलायन के अनुकूल वातावरण बन रहा है। इस अवसर ग्राम विकास गोष्ठी भी आयोजित कि गई है। जिसमें सहायक खण्ड विकास अधिकारी महावीर सिंह गुसाईं सहित अनेक ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों व कर्मचारियों ने ग्राम विकास से जुड़ी हुई अनेक योजनाओं के बारे में उपस्थित ग्रामीणों को अवगत कराया। कार्यक्रम में उदय सिंह राणा, टीकाराम जोशी, रमेश राणा,रोशन राणा,खजान सिंह, राजेन्द्र राणा,चतर सिंह, रघुवीर सिंह,जगत सिंह आदि उपस्थित थे।