कोटद्वार पौड़ी 13/6/2024
संस्कृत भारती उत्तरांचल द्वारा सरस्वती विद्या मंदिर जानकी नगर कोटद्वार में 5 से 13 जून तक आवासीय प्रबोधन वर्ग का आयोजन किया गया । जिसमें उत्तराखण्ड प्रांत के विभिन्न जनपदों से आये शिक्षार्थीओं को संस्कृत प्रबोधन प्रशिक्षण दिया गया है। इस अवसर पर मुख्यातिथि श्रीमति ऋतु भूषण खण्डूरी, विशिष्ट अतिथि शैलेंद्र बिष्ट गढ़वाली , संस्कृत भारती के प्रांतीय अध्यक्षा जानकी देवी त्रिपाठी व मुख्य वक्ता के रूप में प्रेमचंद शास्त्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। प्रबोधन वर्ग को सम्बोधित करते हुए ऋतु भूषण खण्डूरी ने कहा संस्कृत भाषा प्राचीन भाषा है और संस्कृत भारती के के कार्यों की सराहना की। मुख्य वक्ता प्रेमचंद शास्त्री ने कहा संस्कृत भाषा। प्राचीन ज्ञान भण्डार की चाबी है संस्कृत भाषा के उत्थान से ही सबका उत्थान है। संस्कृत भारती संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए पूरे विश्व में काम कर रही है संस्कृत भारती के प्रयास से आज विश्व के अनेक देशों में करोड़ों लोग संस्कृत बोलना जानते हैं। शिक्षक आचार्य श्रीकांत ने कहा संस्कृत भाषा देव वाणी है और संस्कृत भारती संस्कृत भाषा को जनभाषा बनाने के लिए इस प्रकार के प्रशिक्षण शिविर आयोजित अलग-अलग जनपदों आयोजित करते रहते हैं। शिक्षक रोशन गौड़ ने कहा संचालन करते हुए कहा है कि संस्कृत भाषा के विकास से ही राष्ट्र का विकास होगा संस्कृत भाषा के बोलने से ही हर भारतीय का स्वाभिमान जगेगा।
आचार्य गौड़ ने कहा इस प्रबोधन वर्ग में सभी के सहयोग से पहली बार कोटद्वार में संस्कृत भारती का भव्य आवासीय वर्ग निर्विघ्न रूप से पूर्ण हुआ वर्ग में पुरे प्रांत से सेकंडों संख्या में छात्र-छात्राओं व संस्कृत प्रेमियों ने भाग लिया ।कार्यक्रम में शिक्षक श्रीकांत दुदपुड़ी ने कहा कि संस्कृत संस्कारो को देने वाली है पुरातन समय में यह जन-जन की भाषा थी समय के साथ-साथ भाषा का ह्रास होता गया । इस समय संस्कृत भारती संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए पूरे विश्व में काम कर रही है।संस्कृत भारती के प्रयास से आज विश्व के अनेक देशों में करोड़ों लोग इस समय संस्कृत बोलना जानते हैं संस्कृत भाषा देव भाषा देव वाणी है और राष्ट्रभाषा बनने की और अग्रसर है श्रीकांत दुदपुड़ी ने कहा कोई भी 10 दिन में कोई भी से संस्कृत सीख सकता हैऔर बोल सकता है।
आचार्य गौड़ ने कहा इस प्रबोधन वर्ग में सभी के सहयोग से पहली बार कोटद्वार में संस्कृत भारती का भव्य आवासीय वर्ग निर्विघ्न रूप से पूर्ण हुआ वर्ग में पुरे प्रांत से सेकंडों संख्या में छात्र-छात्राओं व संस्कृत प्रेमियों ने भाग लिया ।कार्यक्रम में शिक्षक श्रीकांत दुदपुड़ी ने कहा कि संस्कृत संस्कारो को देने वाली है पुरातन समय में यह जन-जन की भाषा थी समय के साथ-साथ भाषा का ह्रास होता गया । इस समय संस्कृत भारती संस्कृत के प्रचार प्रसार के लिए पूरे विश्व में काम कर रही है।संस्कृत भारती के प्रयास से आज विश्व के अनेक देशों में करोड़ों लोग इस समय संस्कृत बोलना जानते हैं संस्कृत भाषा देव भाषा देव वाणी है और राष्ट्रभाषा बनने की और अग्रसर है श्रीकांत दुदपुड़ी ने कहा कोई भी 10 दिन में कोई भी से संस्कृत सीख सकता हैऔर बोल सकता है।
समापन अवसर पर संस्कृत भाषा वर्ग का दीक्षान्त समारोह का आयोजन किया गया। वर्ग में प्रांत अध्यक्षा जानकी देवी त्रिपाठी, प्रांत संगठन मंत्री गौरव जी ,विभाग संयोजक पंकज ध्यानी, सतीश देवरानी शिक्षक कुलदीप मेंदोला रमाकांत कुकरेती रोशन गोड,रोशन बलूनी, यतेंद्र नेथानी, सिद्धार्थ नैथानी नवीन जसोला आदि उपस्थित थे।
।। जयतु संस्कृतम् जयतु भारतम्।।
।। जयतु संस्कृतम् जयतु भारतम्।।