यमुनोत्री धाम के रावल आचार्य पुरुषोत्तम उनियाल के सुपुत्र उत्कर्ष उनियाल ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधि विधान से अपने पैतृक परम्परा का निर्वहन करते हुए मां यमुना जी की पूजा एवं आरती, की शुरुआत की आचार्य पुरूषोतम उनियाल ने बताया है कि मां यमुना की पूजा अर्चना उनियाल बन्धु हजारों वर्षो से करते हुए आ रहै है। आचार्य श्री ने कहा कि विगत वर्ष छोटे बेटे उत्कर्ष उनियाल का जनेऊ संस्कार वैदिक मंत्रोच्चार के साथ सम्पन्न हुआ । और इस वर्ष से मां यमुना जी की पूजा आरती प्रारम्भ कर दी है। उनियाल वंशज की जो आराध्य मां यमुना जी की सेवा परंपरा अनादि काल से चली आ रही है , उसकी पूजा अर्चना समस्त उनियाल वंश के लोग करते हुए आ हैं, चाहे कोई भी सरकारी नौकरी उच्च पद पर क्यों न हो। जिस दिन मां यमुना जी की पूजा बारी आती है उस दिन अनिवार्य रूप से उपस्थित होकर यमुना जी की पूजा अर्चना करनी पड़ती है।
रावल पुरूषोत्तम ने कहा अपनी वैदिक सनातन परम्पराओं का निर्वहन करते हुए पुत्र उत्कर्ष उनियाल ने छोटी सी आयु में मां यमुना जी की पूजा आरती की जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे।