हरिद्वार : (जीशान मलिक) एक नई योजना ने नशे के तस्करी की रिपोर्ट करने की प्रक्रिया को सरल और गोपनीय बनाने के लिए भारतीय पेटेंट की प्राप्ति की है. इस प्रणाली का पेटेंटी, जिसे “औपचारिकता” कहा गया है।
एक समूह के द्वारा डिज़ाइन किया गया है.जिसमें डॉ.मयंक अग्रवाल, डॉ. नुपुर सिंह, सुमित बंसल, चिराग पटेल, हंसल कोठारी, अंकित बंसल, दिव्यांक सिंह, और आशीष बिब्यान शामिल हैं।
प्रणाली के पेटेंटी और संचालक चिराग पटेल ने एक बयान में कहा, “यह प्रणाली को डिजाइन करने का हमारा मुख्य उद्देश्य लोगों को सुरक्षित और अनाम रूप से नशे के तस्करी की जानकारी साझा करने की सुविधा प्रदान करना था. हम उम्मीद करते हैं कि इस प्रणाली से नशे के तस्करी के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जाएगा।
यह प्रणाली एक सुरक्षित और अनाम संदेश प्रणाली का उपयोग करती है.जिसके माध्यम से लोग बिना किसी खतरे के नशे के तस्करी की जानकारी साझा कर सकते हैं.यह प्रणाली सरकारी अधिकारियों और पुलिस को अनाम सूचनाओं को सत्यापित करने और नशे के तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद करती है।
इस प्रणाली की शुरुआतियों में, यहाँ भारतीय सरकार और पुलिस संगठनों के साथ कई पार्टनरशिप जुड़ी हैं, जो इस प्रणाली के सफल उपयोग को सुनिश्चित करने में सहायक हो रहे हैं.इस प्रणाली के माध्यम से, सामाजिक सदस्यों को साझा जानकारी की गुप्त और सुरक्षितता सुनिश्चित की जाती है।
जिससे नशे के तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद मिल सके.इस प्रणाली के विकास में योगदान करने वाले सभी सदस्यों को श्रेय दिया जाता है. जो इसे एक सफल और उपयोगी और प्रभावी प्रणाली बनाने में सहायक हो रहे हैं. यह उत्कृष्ट योजना सामाजिक सुरक्षा में एक बड़ी कड़ी है, जो नशे के तस्करी के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है।